“कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे गो मुझे एहसास-ए-तन्हाई रहा शिद्दत के साथ !! जिनको पलट कर नहीं देखा मैंने सिर्फ तेरे लिए। मैं ख़्वाब हूँ तो ख़्वाब से चौंकाइए मुझे तन्हाई की रातों में, दिल https://youtu.be/Lug0ffByUck