देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ Your browser isn’t https://damienmutjw.theideasblog.com/30211174/detailed-notes-on-shiv-chalisa-lyrics